महाशिवरात्रि का हमे बड़ी ही बेसब्री से इंतजार रहता है क्यों की ये दिन होता है हमारे भोले बाबा का | और इस दिन हर कोई भगवान शिव की पूजा अर्चना करके उन्हें प्रसन्न करके उनका आशीर्वाद लेना चाहता है| और इस दिन की गयी हमारी पूजा सफल भी जरूर होती है हर किसी के ऊपर भगवान भोलेनाथ अपनी कृपा बरसाते है और हम सबकी मनोकामना पूरी भी करते है बस हमारे मन में भोलेबाबा के प्रति अपार श्रद्धा भाव और विश्वास होना चाहिए , फिर तो हमारी मनोकामना पूरी होकर ही रहती है तो आइये हम सब मिलकर भोले बाबा का ध्यान करे और सच्चे मन से व्रत विधि और पूजा का पालन करे | और जो भी भक्त पूरी श्रद्धा से महाशिव रात्रि का व्रत रखते है, उन पर भगवान शिव की कृपा सदैव बनी रहती है और उनके आशीर्वाद से घरो में सुख- समृद्धि और खुशहाली हमेशा बनी रहती है |
हिन्दू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को महाशिव रात्रि का पर्व होता है |इस साल महाशिवरात्रि 11 मार्च 2021 गुरुवार को है | महाशिवरात्रि के दिन विधि विधान से की गयी पूजा का फल अवश्य ही मिलता है और भगवान शिव इस दिन प्रसन्न होकर सबकी मनोकामना पूरी करते है |धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस शुभ दिन पर भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती का विवाह हुआ था |
निशीथ काल पूजा मुहूर्त :24:06:41 से 24 :55:14 तक |
अवधि :0 घंटे 48 मिनट |
महाशिवरात्रि पारणा मुहूर्त :06:36:06 से 15:04:32 तक |
1 सुबह उठकर नित्य कामो से निवृत होकर नहा धोकर व्रत का संकल्प ले |
2 महाशिरात्रि के व्रत वाले दिन चावल, गेहू ,बेसन जौ , मैदा आदि से बनी चीजों का सेवन नहीं करे|
3 इस दिन मांस- मदिरा का सेवन बिलकुल ना करे |
4 किसी से बहस नहीं करना चाहिए |
5 किसी के साथ कटु शब्द का उपयोग ना करे |
6 महाशिव रात्रि के दिन व्रत करने वाले को सोना नहीं चाहिए क्यों की ऐसा माना गया है की सोने से व्रत का फल प्राप्त नहीं होता है |
7 महाशिवरात्रि को साबूदाने की खिचड़ी का सेवन किया जाता है और फल, चाय, दूध भी खा सकते है|
1 मिटटी या ताम्बे के लोटे में पानी या दूध भरकर ऊपर से बेलपत्र, आक- धतूरे के फूल, चावल आदि भगवान शिव पर चढ़ाना चाहिए
2 दही से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए|
3 पंचामृत बनाकर भी भगवान भोलेनाथ का अभिषेक किया जाता है |
4 महाशिवरात्रि के दिन शिवपुराण का पाठ और महामृत्युंजय मंत्र या शिव के पंचाक्षर मंत्र ॐ नमः शिवाय का जप करना चाहिए |
5 महाशिवरात्रि की पूजा निशील काल में करना उत्तम माना गया है ,पर सभी भक्त अपनी सुविधानुसार भगवान भोलेनाथ की पूजा कर सकते है |
6 महाशिरात्रि के दिन रात्रि जागरण भी किया जाता है |
ऐसा माना जाता है की महाशिवरात्रि की पूजा विधि- विधान से करने पर भक्तो की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है और मनचाहे जीवनसाथी की प्राप्ति के लिए भी भक्त इस दिन भगवान भोलेबाबा को प्रसन्न करने के लिए व्रत करते है। इस दिन व्रत करने से भक्तो की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है और उनके दाम्पत्य जीवन में और घर में सुख समृद्धि और खुशहाली बनी रहती है |