Share this Article with your friends -
इस बार दिवाली का त्यौहार 19 अक्टूबर 2017 को मनाया जायेगा। कार्तिक मास की अमावस्या को ये त्यौहार मनाया जाता है और इस दिन माँ लक्ष्मी और भगवान् गणपति गणेश की पूजा की जाती है , इस बार 27 साल बाद दीपावली पर गुरु चित्रा का संयोग बन रहा है। इससे पहले ऐसा योग 1990 में बना था। और ज्योतिष गणना के अनुसार ऐसा संयोग 4 साल बाद 2021 में बनेगा।
दीवाली का शुभ मुहूर्त –
लक्ष्मी पूजा शुभ मुहूर्त – 7 :11 से 8 :16
प्रदोष काल – 5 :43 से 8:16
वृषभ काल – 7:11 से 9:06
अमावस्या तिथि आरम्भ – 00 :13 (19 अक्टूबर)
अमावस्या तिथी समाप्त – 00 :41 (20 अक्टूबर)
इस बार दिवाली के दिन कई संयोग एक साथ बन रहे है जैसे की दीपावली इस बार गुरुवार को आ रही है जिसके कारण गुरु योग बन रहा है, इसके साथ अमावस्या तिथि, चित्रा नक्षत्र भी है। एक अभीजीत मुहूर्त, 7 चौघड़िए और दो लग्न भी बन रहे है।
ब्रह्मपुराण में दीपावली पूजन के शुभ मुहूर्त के बारे में बताया गया है। माँ लक्ष्मी की कृपा और आशीर्वाद पाने के लिए इस दिन को बहुत ही शुभ माना गया है। घर में सुख-समृद्धि बनी रहे और माँ लक्ष्मी स्थिर रहे ,इसके लिए दिन भर माँ लक्ष्मी का उपवास रखे और इसके उपरांत सूर्यास्त के पश्चात प्रदोष काल के दौरान स्थिर लग्न में माँ लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। इस मुहूर्त में माँ लक्ष्मी की पूजा और सामानो की ख़रीददारी शुभ मानी जाती है।
लक्ष्मी पूजन के लिए प्रदोष काल का महत्व –
धर्म शास्त्रों में दीपावली में लक्ष्मी गणेश पूजन में प्रदोष काल का विशेष महत्व होता है। दिन रात के संयोग को ही प्रदोष काल कहते है। क्योकि दिन का समय भगवान विष्णु का स्वरूप है और रात माता लक्ष्मी का स्वरूप। इन दोनों के संयोग कल को ही प्रदोष काल कहते है। इसमें दीपावली पूजन (लक्ष्मी पूजन ) करना शुभ होता है। इस बार शाम 05:43 से रात 8:16 तक प्रदोष काल रहेगा। इस दौरान सभी जन धन ,सुख- समृद्धि की इच्छा लेकर लक्ष्मी, गणेश और कुबेर का पूजन कर सकेंगे।
Share this Article with your friends -
Please tell me blog template name ..